Monday, February 16, 2015

यही पैगाम हमारा

इंसान का इंसान से हो भाईचारा
यही पैगाम हमारा
यही पैगाम हमारा

नये जगत में हुआ पुराना ऊँच-नीच का किस्सा
सबको मिले मेहनत के मुताबिक अपना-अपना हिस्सा
सबके लिए सुख का बराबर हो बँटवारा
यही पैगाम हमारा
यही पैगाम हमारा

हरेक महल से कहो की झोपड़ियों में दिये जलाये
छोटों और बड़ों में अब कोई फ़र्क नहीं रह जाये
इस धरती पर हो प्यार का घर-घर उजियारा
यही पैगाम हमारा
यही पैगाम हमारा

इंसान का इंसान से हो भाईचारा
यही पैगाम हमारा
यही पैगाम हमारा

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